अंडे के सफेद भाग को दुनियाभर में प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। लेकिन दिक्कत की बात यह है कि बहुत सारे लोग मांसाहारी समझ कर अंडा नहीं खाते हैं। सभी लोग अंडा खा सकें, इसके लिए पौधों से अंडा बनाने की कोशिश की जा रही है। उल्लेखनीय है कि अंडों का वैकल्पिक बाजार बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। अंडे की सफेदी को जब उसके शाकाहारी प्रतिद्वंदी मट्ठा, सोयाबीन और मटर से तुलना की जाती है तो अंडे की सफेदी प्रोटीन का सबसे बेहतरीन स्रोत बनकर उभरती है। ज्यादातर खाद्य पदार्थों के निर्माता भी अंडों पर ही भरोसा करते हैं कि अंडे में नेचरल प्रोटीन होता है, जो घुलनशील होने के साथ-साथ फ्लेवरलेस भी होता है।
नॉन एग के क्षेत्र में एक बड़ी कंपनी ने पिछले साल अपना लिक्विड एग सब्सिट्यूट लॉन्च किया था, जो पूरी तरह से मूंग से बने प्रोटीन से बना हुआ था। कंपनी का दावा है कि उन्होंने इस प्लांट बेस्ड लिक्विड एग सब्सिट्यूट की अमेरिका में अब तक अच्छी खासी बिक्री कर ली है। इसके बाद भी अभी लंबा सफर तय करना बाकी है। प्लांट बेस्ड फूड्स एसोसिएशन की एक्जेक्यूटिव डायरेक्टर मिशेल सिमन कहती हैं कि फूड सप्लाई में ग्राहक को बताए बिना चुपचाप अंडों को रिप्लेस करने के कई तरीके हैं। बहुत से लोगों को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि उनके केक में अंडा है या नहीं, उन्हें सिर्फ अपना केक बाउंसी और फ्लफी चाहिए। आप चाहें तो तैयार प्रॉडक्ट में कोई सामग्री बदल दें जिसे कन्ज्यूमर शायद नोटिस भी न करे।